Tuesday, March 27, 2012

कहाँ गये टीईटी धारको द्वारा भेजे गये हजारो पत्र

कहाँ गये टीईटी धारको द्वारा भेजे गये हजारो पत्र
                           मायावती के शासनकाल में जनता की समस्याओं से सम्बन्धित जो पत्र मुख्यमन्त्री कार्यालय पहुँचते थे उनमे से 80% पर तुरन्त कार्यवाही होती थी। अखिलेश से भी लोगो को ऐसी उम्मीद है।
                            यूपीटीईटी मे पास हुए लगभग 3 लाख लोगों को टीईटी रद्द होने का डर सता रहा है। इसलिए इन्होने प्रत्येक जिले मे पत्र लिखने का अभियान चलाया गया है, जिसमे अभ्यर्थियो ने अपनी व्यथा का वर्णन करते हुए टीईटी को रद्द न करने की माँग की है। पत्रो के साथ फैक्स और ईमेल भी भेजे गये है तथा प्रत्येक जिले में दूसरे-तीसरे दिन डी0एम0 और बी0एस0ए0 आदि के माध्यम से भी मुख्यमन्त्री को सम्बोधित ज्ञापन दिये जा रहे हैं।
                          प्रदेश स्तर पर इस अभियान मे 10 हजार से अधिक संदेश भेजे जा चुके हैँ। पर अभी तक टीईटी धारकों की समस्याओं को सुलझाने सम्बन्धी कोई कार्यवाही राज्य सरकार द्वारा नहीं की गई है। अब ये समझ नही आता कि ये पत्र कहाँ गये क्या कोई पत्र मुख्यमन्त्री तक नही पहँचा। शायद एक भी पत्र मुख्यमन्त्री कार्यालय में नही पढ़ा गया क्योंकि अगर पत्र पढ़ लिये गये होते तो लखनऊ में लाठीचार्ज न हुआ होता।
-जितेन्द्र कुमार जौली

Saturday, March 24, 2012

टीईटी धारको पर लाठीचार्ज शर्मनाक

टीईटी धारको पर लाठीचार्ज शर्मनाक

                                    चुनाव से पूर्व अखिलेश यादव ने घोषणा की थी कि उनकी सरकार बनने पर टीईटी रद्द कर देंगे। अब सपा सरकार बनने पर 2 लाख से अधिक अभ्यर्थियो को भर्ती रद्द होने का डर सता रहा है।
                                   भर्ती प्रक्रिया को जल्दी पूरा करने, रद्द होने से रोकने और टीईटी की मेरिट के आधार पर भर्ती की माँग लेकर 55 जिलो के 20 हजार अभ्यर्थी लखनऊ पहुँचे और निर्णय लिया कि विधानसभा के सामने होते हुए झूलेलाल पार्क मे अनशन पर बैठेंगे और अखिलेश यादव से मिलेंगे। ये अभ्यर्थी दो लाइने बनाकर शान्तिपूर्वक जा रहे थे। पुलिस ने इन्हे रोका तो जाम लग गया। पुलिस ने कहा अखिलेश जी आ रहे हैं। 1 घंटे तक उनके न आने पर लोगो ने आगे बढ़ने कि कोशिश की तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, जिससे 3 लोगों का सिर फूट गया तथा 2 दर्जन से अधिक के चोटें आईं हैं। लोगो ने लाठियाँ खाकर भी किसी की सम्पत्ति को एक रुपये का भी नुक्सान नहीं पहुँचाया।
                                 सरकार इन्हे उपद्रवी बताकर मामले से पल्ला झाड़ना चाहती है। बिना अखिलेश की अनुमति के बिना कोई पुलिस अधिकारी लाठीचार्ज नही करवा सकता था। अखिलेश यादव ने लाठीचार्ज करवाकर यह साबित कर दिया कि वे युवाओं के हितैषी होने का ढोंग कर रहे हैं। वे सिर्फ भत्ता दे सकते हैं, रोजगार नही।
-जितेन्द्र कुमार जौली

Thursday, March 15, 2012

राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति ने किया जितेन्द्र कुमार जौली को सम्मानित

युवा साहित्यकार 
 जितेन्द्र कुमार जौली सम्मानित
 जितेन्द्र कुमार जौली सम्मानित
                          
                              14 मार्च 2012 को राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति द्वारा गायत्री प्रज्ञा पीठ मुरादाबाद में कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा युवा साहित्यकार जितेन्द्र कुमार जौली का सम्मान।
                             राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति की ओर से जितेन्द्र जौली को पाँच सौ एक रुपये नकद, शॉल व प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। संस्था के अध्यक्ष अम्बरीश गर्ग ने कहा कि साहित्य के क्षेत्र में युवाओ को बढ़चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। क्योंकि साहित्य ही संस्कारो को जन्म देता है इसलिए वे युवा जो साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहे हैं प्रशंसा और सम्मान के पात्र हैं। इसी भावना के चलते मुरादाबाद के युवा साहित्यकार जितेन्द्र कुमार जौली को सम्मानित किया गया है।
                             इस अवसर पर रामसिंह निःशंक, योगेन्द्रपाल सिंह विश्नोई, कृपाल सिंह धीमान, रामेश्वर प्रसाद वशिष्ठ, अशोक विश्नोई, योगेन्द्र व्योम, रामदत्त द्विवेदी, मनोज मनु, कृष्ण कुमार नाज़ आदि ने काव्यपाठ किया। योगेन्द्र सिंह, मनोज सम्राट, रमेश कृष्ण आदि लोग उपस्थित थे।

Wednesday, March 14, 2012

नही मिलेगा बेरोजगार भत्ता

नही मिलेगा बेरोजगार भत्ता

                            उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी द्वारा घोषणा की गई थी कि बेरोजगारो को 1000 रुपये बेरोजगार भत्ता दिया जायेगा। इस लालच में करोड़ो युवा बेरोजगारो ने समाजवादी पार्टी को वोट दिया।
                            आजकल बेरोजगारी भत्ता पाने के लिए 18 से 45 वर्ष के बेरोजगार लाइन मे लगकर रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं तथा पुलिसवालो के डण्डे खा रहे हैं।
                             शायद इन्होने समाजवादी पार्टी का चुनावी घोषणा पत्र नही पढ़ा, जिसमे लिखा गया है कि 35 वर्ष से अधिक के स्नातक बेरोजगारो को भत्ता दिया जायेगा। जबकि बेरोजगार भत्ते की लाइन मे लगे 85 प्रतिशत से ज्यादा लोग ऐसे हैं, जिनकी आयु 35 वर्ष से कम है या वे स्नातक नहीं हैं। पूरे प्रदेश में 20000 से ज्यादा ऐसे बेरोजगार नही हो सकते जिनकी आयु 35 वर्ष है, स्नातक हैं और बेरोजगार भी हैं। क्योकि औसतन 25 वर्ष की आयु में लोगो की शादी हो जाती है और वे कहीं ना कहीं नौकरी करने लगते हैं और नौकरी या व्यापार करने वालो को भत्ता नही दिया जा सकता। अब आप ही अपने चारो ओर नजर घुमाकर देखें तो असलियत पता चलेगी। यह बात भी ध्यान रखें कि जब सरकार के पास कई महीनो तक सरकारी कर्मचारियो का वेतन देने के लिए पैसे नही होते तो लैपटॉप और बेरोजगार भत्ते के लिए कहाँ से आएँगे।
-जितेन्द्र कुमार जौली

Saturday, March 10, 2012

मजदूरों का खून चूसती पीतलनगरी

मजदूरों का खून चूसती पीतलनगरी
                           पीतलनगरी के नाम से दुनियाभर में विख्यात मुरादाबाद एक ऐसी औद्योगिक नगरी है, जिसने न जाने कितने लोगों को रोजगार प्रदान किया है। परन्तु यह विडंबना है कि यहाँ की फैक्ट्रियो मे काम करने वाले मजदूरो को उनके काम के अनुसार पैसा नहीं मिल पाता। फैक्ट्रियो वाले मजदूरो की मजदूरी दिखाते कुछ और हैं और देते कुछ और है।
                           ये मजदूरो के कल्याण और चिकित्सा आदि की सुविधाओं का बहुत अधिक खर्च दिखाकर अपने उत्पाद को विदेशों मे अच्छे मूल्य पर बेचकर लाभ कमा लेते है, परन्तु मजदूरो को ये सुविधाएँ नाममात्र को ही मिल पाती हैं।
                            यदि यहाँ श्रमिक एक दिन नही जाता तो उसकी दो दिन की मजदूरी काट ली जाती है। औद्योगिक नगरी मुरादाबाद में मजदूरों का खून चूसा जा रहा है।
सरकार को चाहिए कि वो मजदूरों को उनके अधिकारों से अवगत कराये। मजदूरो की मदद के लिए अनेक कानून बनाये गये हैं। मजदूरों को चाहिए कि वो एकजुट होकर अपने अधिकारो की माँग करें।

-जितेन्द्र कुमार जौली