भ्रष्ट नेता का सपना
अबकी बार चुनावों में मैं, बना सकूँ सरकार॥
मैं ना चाहूँ सोना चाँदी, मै ना चाहूँ नोट।
मुझको तो बस दिला दीजिए, जनता के सब वोट॥
वर्षों से जो सपना देखा, हो जाये साकार।
अबकी बार चुनावों में मैं, बना सकूँ सरकार॥
हार चुनावों में अक्सर मैं, गया कर्ज में डूब।
दौलत की खातिर कर लूँगा, घोटाले मैं खूब॥
फिर खुद हो जायेगी मुझ पर, नोटों की बौछार।
अबकी बार चुनावों में मैं, बना सकूँ सरकार॥
जनता की दौलत पर मेरी, गढ़ी हुई है आँख।
नौकरियाँ लगवाने को भी, लूँगा मैं दो लाख॥
रोजगार सब पायेंगे अब, मेरे रिश्तेदार।
अबकी बार चुनावों में मैं, बना सकूँ सरकार॥
-जितेन्द्र कुमार जौली
अम्बेडकर नगर, मुरादाबाद।
Jitendra Kumar Jolly
टी ई टी ने कर दिया, सबके सिर में दर्द॥
टी ई टी कानून की, पड़ी कई पर मार।
हाईकोर्ट दिखा दिया, इसने हमको यार॥
जो शिक्षण के काम को, समझ रहे थे खेल।
टी ई टी मे हो गये, अच्छे अच्छे फेल॥
नित नये हैं दिख रहे, इसमे सबको खोट।
टी ई टी पर हो गये, खर्च बहुत ही नोट॥
टी ई टी उपहार है, टी ई टी वरदान।
कठिन परिश्रम जो करे, देती उसको मान।
-जितेन्द्र कुमार जौली
अम्बेडकर नगर, दिल्ली रोड, मुरादाबाद
Jitendra Kumar Jolly
जय हिन्दी, जय हिन्दुस्तान
जय हिन्दी, जय हिन्दुस्तान।
हम सब हैं इसकी संतान,
जय हिन्दी, जय हिन्दुस्तान।
हिन्दी में देखो कितने,
अखवार निकाले जाते हैं।
हिन्दी फिल्मों वाले भी,
हिन्दी की रोटी खाते हैं॥
हिन्दी को मानो भगवान।
जय हिन्दी, जय हिन्दुस्तान॥
हिन्दी का सब लोगों से,
इतना गहरा ये नाता है।
हम हिन्दी के बच्चे हैं,
हिन्दी ही अपनी माता है॥
हिन्दी को दीजै सम्मान।
जय हिन्दी, जय हिन्दुस्तान॥
आज दिलों में लोगो के,
हिन्दी का दीप जलाना है।
हिन्दी माँ के चरणो मे,
सबको ही सीस झुकाना है॥
सदा गाइये ये ही गान,
जय हिन्दी, जय हिन्दुस्तान॥
-जितेन्द्र कुमार जौली
अम्बेडकर नगर, मुरादाबाद।
Jitendra Kumar Jolly
दोहे
अब तो अनपढ़ आदमी, इन्टरनेट चलाय॥
जो अच्छा इंसान है, आता सबके काम।
वो ही मेरा कृष्ण है, वो ही मेरा राम॥
हिंसा करनी छोड़ दे, कर तू सबसे प्यार।
बातों से है जो मरे, लात उसे मत मार॥
तुम अपने माँ-बाप का, करो सदा सम्मान।
इनमें ही बसते सदा, दुनिया के भगवान॥
-जितेन्द्र कुमार जौली
Jitendra Kumar Jolly
चुनावी कुण्डलिया
जितेन्द्र कुमार जौली |
मेरे प्यारे देश की, लगे डुबाने नाव।
नेता बैठे जेल में, लङने लगे चुनाव॥
लङने लगे चुनाव, नैया कौन सम्भाले।
कुछ लालची नेता, करते खूब घोटाले॥
जीत ना पाएंगे, वोट के बिन ये तेरे।
वोट इन्हे मत दे, सुन ले भईया मेरे॥
घोटाले करके हुए, ये तो मालामाल।
नेताओ ने कर दिया, बुरा देश का हाल॥
बुरा देश का हाल, बढ़ती बेरोजगारी।
कोई नही सुनता, फरियादे अब हमारी॥
अच्छा नेता आज, आकर देश सम्भाले।
कह जौली देश में, होते खूब घोटाले॥
-जितेन्द्र कुमार जौली
Jitendra Kumar Jolly
मुक्तक
जितेन्द्र कुमार जौली |
पूरी नहीं होने देगे उनकी कभी कामना,
कितने भी हो शत्रु हम डटकर करेंगे सामना।
जात-पात की भावना रख दो उठाकर ताक में,
आओ सब मिलकर करे हम देश की आराधना॥
करना है क्या कैसे, बताते रहे हैं जो।
भटके तो हमे राह, दिखाते रहे हैं जो॥
ऐसे गुरु के ऋण को, चुकाऐ भला कैसे।
दिया बनाके खुद को, जलाते रहे हैं जो॥
-जितेन्द्र कुमार जौली
Jitendra Kumar Jolly