आलेख

नेट परीक्षा के कारण वोट नहीं दे सकेंगे लाखों वोटर
                          
                          उत्तर प्रदेश में निकाय चुनावों की घोषणा हो चुकी है। चुनाव चार चरणो में सम्पन्न होगा। पहले चरण का मतदान 24 जून, दूसरे का 27 जून, तीसरे का 1 जुलाई तथा चौथे चरण का 4 जुलाई को होगा। चुनाव आयोग द्वारा चुनावी कार्यक्रम तैयार करने में राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा नेट का ध्यान नहीं दिया गया। गौर करने वाली बात है कि 24 जून को राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) का आयोजन किया जायेगा तथा उत्तर प्रदेश में प्रथम चरण का मतदान भी 24 जून को होगा। उत्तर प्रदेश में लाखों लोगों नेट की परीक्षा देंगे तथा अनेक कर्मचारी और पुलिसकर्मी भी परीक्षा सम्बन्धी ड्यूटी पर रहेंगे। ऐसे में लाखो मतदाता वोट देने के अधिकार से वंचित रह जाएंगे।
                         नेट राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है। इसकी तिथि पूर्व निर्धारित है तथा इसमें कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकता। अतः चुनाव आयोग को चाहिए कि वे मामले की गम्भीरता को देखते हुए प्रथम चरण के निकाय चुनाव की तिथि में आवश्यक संशोधन करे।
-जितेन्द्र कुमार जौली
बी0एड0 कॉलेजो में भ्रष्टाचार को रोकेगी 
टी0ई0टी0 मेरिट 

                                         अगर उत्तर प्रदेश के निजी बी0एड0 कॉलेजों की सी0बी0आई0 जाँच कराई जाए तो यह पता चलेगा कि यहाँ के 90% से अधिक कॉलेजों मे भ्रष्टाचार व्याप्त है। यहाँ बी0एड0 के छात्रों से निर्धारित फीस से 5000 से 35000 रुपये तक अतिरिक्त वसूले जाते हैं। बीच-बीच में भी यूनीफॉर्म, टूर, स्काउट कैम्प तथा लैसन प्लान आदि के नाम पर भी उगाही की जाती है। कुछ कॉलेज प्रवेश पत्र के नाम पर भी हजारों रुपये उगा लेते हैं।
                                          यही नहीं प्रैक्टिकल के नाम पर भी दो से दस हजार रुपये प्रति छात्र वसूले जाते हैं। यदि कोई छात्र नियमित रुप से कॉलेज नहीँ आना चाहता तो 15 से 30 हजार रुपये उस छात्र को देने पड़ते हैं। कुछ कॉलेजों मे मार्कशीट और एन0सी0टी0ई0 प्रमाण पत्र के नाम पर भी वसूली की जाती है।
                                          छात्रों द्वारा न चाहते हुए भी कॉलेज प्रशासन को इतनी रकम देनी पड़ती है। यदि कोई छात्र इसके विरुद्ध जाने का प्रयास करता है तो उसके नम्बर काट लिए जाते हैं।
                                          विशिष्ट बी0टी0सी में हाईस्कूल से बी0एड0 तक की मेरिट बनाये जाने की पद्धति के कारण ये हालात उत्पन्न हुए हैं। यदि टी0ई0टी0 मेरिट के आधार पर भर्ती होगी तो इस प्रकार की गतिविधियों पर काफी लगाम लग जाएगी।
-जितेन्द्र कुमार जौली

बी0एड0 प्रवेश परीक्षा देने वाले सावधान

                          यूपी में 72 हजार प्राईमरी शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन पढ़कर बी0एड0 करने और विशिष्ट बी0टी0सी0 के द्वारा शिक्षक बनने का ख्वाव देखने वाले अपनी आँखे खोलें और सोचें कि पिछली बार 6 लाख लोगों ने बी0एड0 प्रवेश परीक्षा दी थी जबकि इस बार मात्र 3 लाख 70 हजार तक संख्या पहुँची है। इसके 2 कारण हैं। पहला टी0ई0टी की अनिवार्यता और दूसरा यह कि भविष्य में बी0एड0 वाले प्राईमरी के अध्यापक नहीं बन पाएँगे। एन0सी0टी0ई0 के नियमानुसार 1 जनवरी 2012 के बाद कोई भी बी0एड0 डिग्रीधारक कक्षा 5 तक का अध्यापक नहीं बन पायेगा। केवल बी0टी0सी0 और दो साल की एन0टी0टी0 + टी0ई0टी0 वाले ही अध्यापक बन सकेंगे।
                            बी0एड0 डिग्रीधारक केवल कक्षा 6 से 12 तक के शिक्षक बनेंगे और इस प्रकार के शिक्षकों की भर्ती एक साल में 2 या 3 हजार से ज्यादा नही होती।
                            इस बार बी0एड0 प्रवेश परीक्षा दे रहे 90% अभ्यर्थियों को ये नहीं मालूम कि वे कक्षा 5 तक के अध्यापक नहीं बन पाएँगे। अगर आप बी0एड0 करके केवल कक्षा 5 तक के अध्यापक बनना चाह रहे थे तो सपने देखने छोड़ दीजिए नही तो लाखों रुपये और एक साल का नुक्सान हो जायेगा।

-जितेन्द्र कुमार जौली
 

कहाँ गये टीईटी धारको द्वारा भेजे गये हजारो पत्र
                           मायावती के शासनकाल में जनता की समस्याओं से सम्बन्धित जो पत्र मुख्यमन्त्री कार्यालय पहुँचते थे उनमे से 80% पर तुरन्त कार्यवाही होती थी। अखिलेश से भी लोगो को ऐसी उम्मीद है।
                            यूपीटीईटी मे पास हुए लगभग 3 लाख लोगों को टीईटी रद्द होने का डर सता रहा है। इसलिए इन्होने प्रत्येक जिले मे पत्र लिखने का अभियान चलाया गया है, जिसमे अभ्यर्थियो ने अपनी व्यथा का वर्णन करते हुए टीईटी को रद्द न करने की माँग की है। पत्रो के साथ फैक्स और ईमेल भी भेजे गये है तथा प्रत्येक जिले में दूसरे-तीसरे दिन डी0एम0 और बी0एस0ए0 आदि के माध्यम से भी मुख्यमन्त्री को सम्बोधित ज्ञापन दिये जा रहे हैं।
                          प्रदेश स्तर पर इस अभियान मे 10 हजार से अधिक संदेश भेजे जा चुके हैँ। पर अभी तक टीईटी धारकों की समस्याओं को सुलझाने सम्बन्धी कोई कार्यवाही राज्य सरकार द्वारा नहीं की गई है। अब ये समझ नही आता कि ये पत्र कहाँ गये क्या कोई पत्र मुख्यमन्त्री तक नही पहँचा। शायद एक भी पत्र मुख्यमन्त्री कार्यालय में नही पढ़ा गया क्योंकि अगर पत्र पढ़ लिये गये होते तो लखनऊ में लाठीचार्ज न हुआ होता।
-जितेन्द्र कुमार जौली
टीईटी धारको पर लाठीचार्ज शर्मनाक

                                    चुनाव से पूर्व अखिलेश यादव ने घोषणा की थी कि उनकी सरकार बनने पर टीईटी रद्द कर देंगे। अब सपा सरकार बनने पर 2 लाख से अधिक अभ्यर्थियो को भर्ती रद्द होने का डर सता रहा है।
                                   भर्ती प्रक्रिया को जल्दी पूरा करने, रद्द होने से रोकने और टीईटी की मेरिट के आधार पर भर्ती की माँग लेकर 55 जिलो के 20 हजार अभ्यर्थी लखनऊ पहुँचे और निर्णय लिया कि विधानसभा के सामने होते हुए झूलेलाल पार्क मे अनशन पर बैठेंगे और अखिलेश यादव से मिलेंगे। ये अभ्यर्थी दो लाइने बनाकर शान्तिपूर्वक जा रहे थे। पुलिस ने इन्हे रोका तो जाम लग गया। पुलिस ने कहा अखिलेश जी आ रहे हैं। 1 घंटे तक उनके न आने पर लोगो ने आगे बढ़ने कि कोशिश की तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, जिससे 3 लोगों का सिर फूट गया तथा 2 दर्जन से अधिक के चोटें आईं हैं। लोगो ने लाठियाँ खाकर भी किसी की सम्पत्ति को एक रुपये का भी नुक्सान नहीं पहुँचाया।
                                 सरकार इन्हे उपद्रवी बताकर मामले से पल्ला झाड़ना चाहती है। बिना अखिलेश की अनुमति के बिना कोई पुलिस अधिकारी लाठीचार्ज नही करवा सकता था। अखिलेश यादव ने लाठीचार्ज करवाकर यह साबित कर दिया कि वे युवाओं के हितैषी होने का ढोंग कर रहे हैं। वे सिर्फ भत्ता दे सकते हैं, रोजगार नही।
-जितेन्द्र कुमार जौली
नही मिलेगा बेरोजगार भत्ता

                            उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी द्वारा घोषणा की गई थी कि बेरोजगारो को 1000 रुपये बेरोजगार भत्ता दिया जायेगा। इस लालच में करोड़ो युवा बेरोजगारो ने समाजवादी पार्टी को वोट दिया।
                            आजकल बेरोजगारी भत्ता पाने के लिए 18 से 45 वर्ष के बेरोजगार लाइन मे लगकर रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं तथा पुलिसवालो के डण्डे खा रहे हैं।
                             शायद इन्होने समाजवादी पार्टी का चुनावी घोषणा पत्र नही पढ़ा, जिसमे लिखा गया है कि 35 वर्ष से अधिक के स्नातक बेरोजगारो को भत्ता दिया जायेगा। जबकि बेरोजगार भत्ते की लाइन मे लगे 85 प्रतिशत से ज्यादा लोग ऐसे हैं, जिनकी आयु 35 वर्ष से कम है या वे स्नातक नहीं हैं। पूरे प्रदेश में 20000 से ज्यादा ऐसे बेरोजगार नही हो सकते जिनकी आयु 35 वर्ष है, स्नातक हैं और बेरोजगार भी हैं। क्योकि औसतन 25 वर्ष की आयु में लोगो की शादी हो जाती है और वे कहीं ना कहीं नौकरी करने लगते हैं और नौकरी या व्यापार करने वालो को भत्ता नही दिया जा सकता। अब आप ही अपने चारो ओर नजर घुमाकर देखें तो असलियत पता चलेगी। यह बात भी ध्यान रखें कि जब सरकार के पास कई महीनो तक सरकारी कर्मचारियो का वेतन देने के लिए पैसे नही होते तो लैपटॉप और बेरोजगार भत्ते के लिए कहाँ से आएँगे।
-जितेन्द्र कुमार जौली
मजदूरों का खून चूसती पीतलनगरी
                           पीतलनगरी के नाम से दुनियाभर में विख्यात मुरादाबाद एक ऐसी औद्योगिक नगरी है, जिसने न जाने कितने लोगों को रोजगार प्रदान किया है। परन्तु यह विडंबना है कि यहाँ की फैक्ट्रियो मे काम करने वाले मजदूरो को उनके काम के अनुसार पैसा नहीं मिल पाता। फैक्ट्रियो वाले मजदूरो की मजदूरी दिखाते कुछ और हैं और देते कुछ और है।
                           ये मजदूरो के कल्याण और चिकित्सा आदि की सुविधाओं का बहुत अधिक खर्च दिखाकर अपने उत्पाद को विदेशों मे अच्छे मूल्य पर बेचकर लाभ कमा लेते है, परन्तु मजदूरो को ये सुविधाएँ नाममात्र को ही मिल पाती हैं।
                            यदि यहाँ श्रमिक एक दिन नही जाता तो उसकी दो दिन की मजदूरी काट ली जाती है। औद्योगिक नगरी मुरादाबाद में मजदूरों का खून चूसा जा रहा है।
सरकार को चाहिए कि वो मजदूरों को उनके अधिकारों से अवगत कराये। मजदूरो की मदद के लिए अनेक कानून बनाये गये हैं। मजदूरों को चाहिए कि वो एकजुट होकर अपने अधिकारो की माँग करें।

-जितेन्द्र कुमार जौली
 खिसियानी बिल्ली खम्बा नोचे
                               पिछले दिनो उत्तर प्रदेश में आयोजित हुई अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में ऐसे लाखो अभ्यर्थी फेल हो गये जो शिक्षण कार्य को खेल समझ रहे थे या अन्य किसी बजह से परीक्षा ठीक से नही दे पाये। इनमें से कुछ अभ्यर्थी खिसियानी बिल्ली खम्बा नोचे की कहावत को चरितार्थ करने में लगे हुए हैं। वे शिक्षकों की भर्ती में बाधा उत्पन्न कर रहे है।
                              उत्तर प्रदेश में टीईटी को लेकर सैंकड़ो रिट दायर की जा चुकी हैं। इनमें से अधिकांश रिट उन लोगो के द्वारा दायर की गई हैं जो टीईटी में फेल हो गये या फेल होने से बच गये और उनके नम्बर कम हैं। ऐसे में इन्हे नौकरी पाने का स्वर्णिम अवसर अपने हाथ से जाता दिखाई दे रहा है। जिनके नम्बर कम आये हैं, वे चाहते हैं कि भर्ती प्रक्रिया हाईस्कूल से बी0एड0 तक के अंक प्रतिशत के आधार पर की जाये तथा जो फेल हो गये वो परीक्षा की विश्वसनीयता पर सवाल उठाकर सवाल उठाकर शिक्षकों की भर्ती में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं ताकि सरकार टीईटी को रद्द करके भर्ती प्रक्रिया के स्वरुप को परिवर्तित कर दे।

-जितेन्द्र कुमार जौली
सरकारी योजनाओं का प्रचार किया जाये
                                        हमारे देश में गरीबी, बेरोजगारी एवं अशिक्षा मिटाने के लिए सरकार द्वारा अनेक योजनाएँ चलायी जा रही हैं। जैसे- गरीबों की बेटी की शादी के लिए 20 हजार रुपये देना, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों को रोजगार के लिए कम ब्याज दर पर ऋण देना, अनेक प्रकार की छात्रवृत्ति देना एवं रोजगार योजनाएँ आदि। जो काफी हद तक गरीबों की मदद करने मे सक्षम हैं।
                                       परन्तु देश के लोगो में अज्ञानता के कारण वे इनका लाभ नहीं उठा पाते या फिर कुछ गलत लोग इन योजनाओं का प्रयोग अपने लाभ के लिए करने लगते हैं।
                                       सरकार को चाहिए कि वो अपनी समस्त योजनाओं का भली प्रकार प्रचार करे। ऐसा करने से जनता इन योजनाओं के बारे में जानेगी एवं इनसे लाभ उठाएगी, जिससे देश में व्याप्त गरीबी, बेरोजगारी एवं अशिक्षा को मिटाने में काफी मदद मिलेगी।

-जितेन्द्र कुमार जौली