Saturday, December 31, 2011

दोहे- टी ई टी (T.E.T.)

दोहे- टी ई टी (T.E.T.)

जितेन्द्र कुमार जौली
यूपी मे जबसे चली, हवा बड़ी ये सर्द।
टी ई टी ने कर दिया, सबके सिर में दर्द॥

टी ई टी कानून की, पड़ी कई पर मार।
हाईकोर्ट दिखा दिया, इसने हमको यार॥

जो शिक्षण के काम को, समझ रहे थे खेल।
टी ई टी मे हो गये, अच्छे अच्छे फेल॥

नित नये हैं दिख रहे, इसमे सबको खोट।
टी ई टी पर हो गये, खर्च बहुत ही नोट॥

टी ई टी उपहार है, टी ई टी वरदान।
कठिन परिश्रम जो करे, देती उसको मान।

-जितेन्द्र कुमार जौली
अम्बेडकर नगर, दिल्ली रोड, मुरादाबाद
Jitendra Kumar Jolly

Monday, October 24, 2011

दैनिक जागरण की काव्य पाठ प्रतियोगिता

दैनिक जागरण की काव्य पाठ प्रतियोगिता

दैनिक जागरण की काव्य पाठ प्रतियोगिता के विजेता
                               11 अक्टूबर, 2011 को दैनिक जागरण के संस्थापक नरेन्द्र मोहन गुप्त की जयन्ती पर दयानन्द महाविद्यालय में काव्य पाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
                               कार्यक्रम की शुरूआत मुख्य अतिथि डॉ0 स्वीटी तालवाड़, अनिल अग्रवाल, व डॉ0 अनुपम र्माण्डेय ने दैनिक जागरण के संस्थापक नरेन्द्र मोहन गुप्त के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करके की। इस अवसर पर 24 नवोदित कवियोँ ने अपनी कविताओ द्वारा भ्रष्टाचार पर प्रहार किया।
                               प्रतियोगिता मे प्रथम आने वाले संयम वत्स को 7 हजार, द्वितीय स्थान पर रही प्रीति शर्मा को 5 हजार, तृतीय स्थान पर आने वाले राजकुमार गिरि को 3 हजार रुपये तथा सांत्वना पुरस्कार प्राप्त करने वाले जितेन्द्र कुमार जौली, मोहित शर्मा, कीर्ति भटनागर, अवधेश चौहान और ऋतु शर्मा को एक-एक हजार रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया। विजेताओं को प्रमाण पत्र एवं ट्रॉफी भी प्रदान की गईं। निर्णायक मण्डल में डॉ0 रामानंद शर्मा, डॉ0 कौशल कुमारी एवं डॉ0 कंचन सिंह शामिल रहीं। संचालन डॉ0 मनोज रस्तोगी ने किया।
 
 

Wednesday, September 14, 2011

भ्रष्ट नेता का सपना

भ्रष्ट नेता का सपना

जितेन्द्र कुमार जौली
ऊपरवाले मुझ पर इतना, कर देना उपकार।
अबकी बार चुनावों में मैं, बना सकूँ सरकार॥

मैं ना चाहूँ सोना चाँदी, मै ना चाहूँ नोट।
मुझको तो बस दिला दीजिए, जनता के सब वोट॥

वर्षों से जो सपना देखा, हो जाये साकार।
अबकी बार चुनावों में मैं, बना सकूँ सरकार॥

हार चुनावों में अक्सर मैं, गया कर्ज में डूब।
दौलत की खातिर कर लूँगा, घोटाले मैं खूब॥

फिर खुद हो जायेगी मुझ पर, नोटों की बौछार।
अबकी बार चुनावों में मैं, बना सकूँ सरकार॥

जनता की दौलत पर मेरी, गढ़ी हुई है आँख।
नौकरियाँ लगवाने को भी, लूँगा मैं दो लाख॥

रोजगार सब पायेंगे अब, मेरे रिश्तेदार।
अबकी बार चुनावों में मैं, बना सकूँ सरकार॥

-जितेन्द्र कुमार जौली
अम्बेडकर नगर, मुरादाबाद।
Jitendra Kumar Jolly

Monday, September 5, 2011

जय हिन्दी, जय हिन्दुस्तान।

जय हिन्दी, जय हिन्दुस्तान

मेरा भारत देश महान,
जय हिन्दी, जय हिन्दुस्तान।
हम सब हैं इसकी संतान,
जय हिन्दी, जय हिन्दुस्तान।
जितेन्द्र कुमार जौली

हिन्दी में देखो कितने,
अखवार निकाले जाते हैं।
हिन्दी फिल्मों वाले भी,
हिन्दी की रोटी खाते हैं॥

हिन्दी को मानो भगवान।
जय हिन्दी, जय हिन्दुस्तान॥

हिन्दी का सब लोगों से,
इतना गहरा ये नाता है।
हम हिन्दी के बच्चे हैं,
हिन्दी ही अपनी माता है॥

हिन्दी को दीजै सम्मान।
जय हिन्दी, जय हिन्दुस्तान॥

आज दिलों में लोगो के,
हिन्दी का दीप जलाना है।
हिन्दी माँ के चरणो मे,
सबको ही सीस झुकाना है॥

सदा गाइये ये ही गान,
जय हिन्दी, जय हिन्दुस्तान॥
-जितेन्द्र कुमार जौली 
अम्बेडकर नगर, मुरादाबाद।
Jitendra Kumar Jolly

हिन्दी साहित्य संगम की कवि गोष्ठी

4 सितम्बर, 2011 को हिन्दी साहित्य संगम की ओर से गायत्री प्रज्ञा पीठ लाईनपार मुरादाबाद मेँ मासिक कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरूआत माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण करके की गयी।
इस अवसर पर कवियोँ ने भ्रष्टाचार एवं देश के वर्तमान परिपेक्ष्य से सम्बन्धित कविताओँ द्वारा अपने हृदय के उद्गार व्यक्त किये।
कार्यक्रम अध्यक्ष-डॉ0 प्रेमावती उपाध्याय
मुख्य अतिथि-डॉ0ओमाचार्य
विशिष्ट अतिथि-के0पी0 सिहँ सरल
सरस्वती वन्दना-सतीश सार्थक
संचालन-विकास मुरादाबादी,
गोष्ठी मेँ जितेँद्र कुमार जौली, योगेंद्र पाल सिहँ विश्नोई,
अम्बरीश गर्ग, अशोक विश्नोई, सिहँ , योगेँद्र वर्मा व्योम, रामदत्त द्विवेदी, उदय प्रकाश सक्सैना 'अस्त',
के0के0 सक्सैना,
श्री पुष्पेन्द्र वर्णवाल,
रामेश्वर प्रसाद 'वशिष्ठ', डॉ0 एम0 पी0 बादल जायसी, अतुल जौहरी,
अवनीश सिहँ चौहान आदि ने काव्यपाठ किया।

Monday, August 8, 2011

चुनावी कुण्डलिया

चुनावी कुण्डलिया


जितेन्द्र कुमार जौली
मेरे प्यारे देश की, लगे डुबाने नाव।

नेता बैठे जेल में, लङने लगे चुनाव॥

लङने लगे चुनाव, नैया कौन सम्भाले।

कुछ लालची नेता, करते खूब घोटाले॥

जीत ना पाएंगे, वोट के बिन ये तेरे।

वोट इन्हे मत दे, सुन ले भईया मेरे॥


घोटाले करके हुए, ये तो मालामाल।

नेताओ ने कर दिया, बुरा देश का हाल॥

बुरा देश का हाल, बढ़ती बेरोजगारी।

कोई नही सुनता, फरियादे अब हमारी॥

अच्छा नेता आज, आकर देश सम्भाले।

कह जौली देश में, होते खूब घोटाले॥

-जितेन्द्र कुमार जौली
 Jitendra Kumar Jolly

जौली के मुक्तक

मुक्तक

जितेन्द्र कुमार जौली


पूरी नहीं होने देगे उनकी कभी कामना,

कितने भी हो शत्रु हम डटकर करेंगे सामना।

जात-पात की भावना रख दो उठाकर ताक में,

आओ सब मिलकर करे हम देश की आराधना॥


करना है क्या कैसे, बताते रहे हैं जो।

भटके तो हमे राह, दिखाते रहे हैं जो॥

ऐसे गुरु के ऋण को, चुकाऐ भला कैसे।

दिया बनाके खुद को, जलाते रहे हैं जो॥


-जितेन्द्र कुमार जौली
 Jitendra Kumar Jolly 

जितेन्द्र कुमार जौली के दोहेः-

दोहे

-जितेन्द्र कुमार जौली
बेकारी के दौर में, पढ़ा-लिखा पछताय।
अब तो अनपढ़ आदमी, इन्टरनेट चलाय॥

जो अच्छा इंसान है, आता सबके काम।
वो ही मेरा कृष्ण है, वो ही मेरा राम॥

हिंसा करनी छोड़ दे, कर तू सबसे प्यार।
बातों से है जो मरे, लात उसे मत मार॥

तुम अपने माँ-बाप का, करो सदा सम्मान।
इनमें ही बसते सदा, दुनिया के भगवान॥
-जितेन्द्र कुमार जौली

 Jitendra Kumar Jolly

Saturday, August 6, 2011

राष्ट्रीय भाषा हिन्दी प्रचार समिति का तुलसीदास जयन्ती कार्यक्रम

6 अगस्त को राष्ट्रीय भाषा हिन्दी प्रचार समिति की ओर से तुलसीदास जयन्ती पर मुरादाबाद मेँ कवि एवं विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत माँ सरस्वती एवं तुलसीदास के चित्र पर माल्यार्पण करके किया गया।
कार्यक्रम अध्यक्ष-राम चन्द्र गुप्त
मुख्य अतिथि-डॉ0ओमाचार्य
सरस्वती वन्दना-जितेँद्र कुमार जौली
संचालन-रामसिहँ निःशंक
योगेंद्र विश्नोई,अम्बरीश गर्ग,अशोक विश्नोई,योगेँद्र व्योम,रामदत्त द्विवेदी ने काव्यपाठ किया।