Monday, August 8, 2011

जौली के मुक्तक

मुक्तक

जितेन्द्र कुमार जौली


पूरी नहीं होने देगे उनकी कभी कामना,

कितने भी हो शत्रु हम डटकर करेंगे सामना।

जात-पात की भावना रख दो उठाकर ताक में,

आओ सब मिलकर करे हम देश की आराधना॥


करना है क्या कैसे, बताते रहे हैं जो।

भटके तो हमे राह, दिखाते रहे हैं जो॥

ऐसे गुरु के ऋण को, चुकाऐ भला कैसे।

दिया बनाके खुद को, जलाते रहे हैं जो॥


-जितेन्द्र कुमार जौली
 Jitendra Kumar Jolly 

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