मजदूरों का खून चूसती पीतलनगरी
पीतलनगरी के नाम से दुनियाभर में विख्यात मुरादाबाद एक ऐसी औद्योगिक नगरी है, जिसने न जाने कितने लोगों को रोजगार प्रदान किया है। परन्तु यह विडंबना है कि यहाँ की फैक्ट्रियो मे काम करने वाले मजदूरो को उनके काम के अनुसार पैसा नहीं मिल पाता। फैक्ट्रियो वाले मजदूरो की मजदूरी दिखाते कुछ और हैं और देते कुछ और है।
ये मजदूरो के कल्याण और चिकित्सा आदि की सुविधाओं का बहुत अधिक खर्च दिखाकर अपने उत्पाद को विदेशों मे अच्छे मूल्य पर बेचकर लाभ कमा लेते है, परन्तु मजदूरो को ये सुविधाएँ नाममात्र को ही मिल पाती हैं।
यदि यहाँ श्रमिक एक दिन नही जाता तो उसकी दो दिन की मजदूरी काट ली जाती है। औद्योगिक नगरी मुरादाबाद में मजदूरों का खून चूसा जा रहा है।
सरकार को चाहिए कि वो मजदूरों को उनके अधिकारों से अवगत कराये। मजदूरो की मदद के लिए अनेक कानून बनाये गये हैं। मजदूरों को चाहिए कि वो एकजुट होकर अपने अधिकारो की माँग करें।
-जितेन्द्र कुमार जौली
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